
चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस.
CEC ज्ञानेश कुमार का बड़ा बयान –
“चुनाव आयोग के कंधे पर रखकर बंदूक चलाने की कोशिश हो रही है” – CEC.
“हमारे बारे में भ्रम फैलाया जा रहा है” – CEC.
“वोट चोरी शब्द का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है” – CEC.
“हम अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हटेंगे” – CEC.
“जनता को गुमराह करने की कोशिश हो रही है” – CEC.
“कुछ दिन पहले मतदाताओं की फोटो बिना अनुमति मीडिया को दी गईं” – CEC.
“क्या आयोग किसी मतदाता, मां, बहू-बेटी का CCTV वीडियो जारी करे?” – CEC.
“वोट वही डालते हैं जिनके नाम वोटर लिस्ट में हैं” – CEC.
चुनाव आयोग के लिए ना कोई विपक्ष है, ना कोई पक्ष है, हर कोई समकक्ष है
सभी दल मतदाता सूची में बदलाव की मांग करते रहे- EC
त्रुटि सुधार की मांग करते रहे- EC
1 सितंबर तक त्रुटियां सुधार करने का समय- EC
प्रारूप सूची पर सभी पार्टियों के हस्ताक्षर – EC
: SIR की शुरूआत बिहार से की गई- EC
EC अपने संवैधानिक कर्तव्य से पीछे नहीं हटेगा- EC
: * भारत मे 18 साल की उम्र पूरी कर चुके लोगो को वोट देने का अधिकार है- EC
* चुनाव आयोग राजनीतिक दलों में भेदभाव नहीं करता है- EC
*
* चुनाव आयोग के लिए न तो पक्ष है और न ही विपक्ष. EC
भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, “सवाल था कि आप कुछ लोगों से फॉर्म 7 और कुछ लोगों से शपथ पत्र क्यों मांग रहे हैं, इसका जवाब है कि लोक प्रतिनिधित्व कानून, जो सभी के लिए समान है, में यदि आप उस निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचक हैं, तो आपको समय पर शिकायत करने का पूरा अवसर मिलता है, आप फॉर्म 6, फॉर्म 7, फॉर्म 8 भर सकते हैं. बशर्ते आप उस विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचक हों. लेकिन यदि आप वहां के निर्वाचक नहीं हैं और आप अपनी शिकायत को आगे बढ़ाना चाहते हैं, तो आपके पास कानून में केवल एक ही विकल्प है और वह है निर्वाचन नियमों का पंजीकरण, नियम संख्या 20 उपखंड 3 उपखंड बी जो कहता है कि यदि आप उस विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचक नहीं हैं, तो आप एक गवाह के रूप में अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं और निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी को आपको शपथ देनी होगी और वह शपथ उस व्यक्ति के सामने एडमिनिस्टर करानी होगी जिसके खिलाफ आपने शिकायत की है। यह कानून सभी पर समान रूप से लागू है.”